ओपी हरियाणवी
इस पोस्ट में हम ओपी हरियाणवी के जीवन, शिक्षा और इन्होंने कौन-कौन से पुरस्कार मिले के बारे में जानेंगे ।
जन्म : 6 दिसंबर 1949 को पानीपत के गांव राजाखेड़ी में हुआ था ।
मृत्यु : 4 मई 2021
शिक्षा व नौकरी :
उन्होंने पानीपत के जैन हाई स्कूल से दसवीं की शिक्षा प्राप्त की । बाद में इसी स्कूल में नौकरी भी की । गीत – कविता व भजन आदि लिखने का शौक उन्हें बचपन से ही था । स्कूल में करीब डेढ़ वर्ष तक नौकरी करने के बाद 1967 में ये दिल्ली विकास प्राधिकरण में नियुक्त हो गए । नौकरी के साथ – साथ इनकी लेखनी भी लिखते रहे । उनका नाम ओपी हरियाणवी के रूप में लोकप्रिय हुआ । वह 1986 में फिल्मों में गीत लिखने लगे थे ।
ये सम्मान मिले :
23 अप्रैल, 2013 को हरियाणा साहित्यिक रत्न सम्मान से नवाजा गया । इसके अतिरिक्त इन्हें आधारशिला अवॉर्ड, सखा पुरस्कार और पूर्व राष्ट्रपति रहे ज्ञानी जैल सिंह के हाथों ‘सहेली‘ पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
प्रसिद्ध गीत :-
- मेरे पाछे- पाछे आवण का भला कौनसा मतलब तेरा सै …
- मेरी बहू बणा दे राम गुलाबो छोरी नै …
अन्तिम रचना:
यशपाल शर्मा निर्देशित हरियाणवी फीचर फिल्म ‘ दादा लखमी ‘ में एक भक्ति गीत लिखा था । यह उनके जीवन की अंतिम रचना रही ।