इस पोस्ट में हम कुरुक्षेत्र जिले के 48 कोस क्षेत्र में स्थित तीर्थों के बारे में जानेगें ।
48 कोस का तात्पर्य : कुरुक्षेत्र के चारों ओर 48 कोस की परिधि में फैले तीर्थ स्थलों से है। ये वो तीर्थ स्थल है जिनका महाभारत काल से संबंध रहा है । इस परिधि में हरियाणा के कुल 5 जिले आते हैं । ये हैं : कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, कैथल, जींद ।
1. अरुणाई तीर्थ, अरनाई, पिहोवा
2. प्राची तीर्थ, पिहोवा
3. सरस्वती तीर्थ, पिहोवा
4. ब्रह्मयोनी तीर्थ, पिहोवा
5. पृथुदक तीर्थ, पिहोवा
6. शालिहोत्र तीर्थ, सरसा
7. भीष्म कुंड, नरकतारी
8. बाण गंगा तीर्थ, दयालपुर
9. कुलोतरन तीर्थ, किरमच
10. ब्रह्म सरोवर, कुरुक्षेत्र
11. सन्निहित सरोवर
12. भद्रकाली मंदिर
13. अदिति तीर्थ और अभिमन्यु का टीला, अमीन
14. गीता का जन्म स्थान, ज्योतिसर
15. सोम तीर्थ, सैन्सा
16. शुक्र तीर्थ, सतोरा
17. गालव तीर्थ, गुलदेहरा
18. सप्तसरस्वता तीर्थ, मंगरा
19. ब्रह्म तीर्थ (ब्रह्म स्थान), थाना
20. सोम तीर्थ, गुमथलगडु
21. मणिपुरक तीर्थ, मुर्तजापुर
22. भूरीश्रव तीर्थ, भोर सैदां
23. लोमश तीर्थ, लोहार माजरा
24. काम्य तीर्थ, कमौदा
25. अपाग तीर्थ
26. कर्ण का टीला, मिर्जापुर
27. नाभिकमल, थानेसर
28. रंतुक यक्ष, बीड़ पिपली
29. स्थानेश्वर महादेव मंदिर
30. ओजस तीर्थ, शमशीपुर
31. रेणुका तीर्थ, रानाचा
- अरुणाई तीर्थ, अरनाई, पिहोवा :-
यह मंदिर कुरुक्षेत्र से 28 कि.मी. दूर पिहोवा शहर के अरुणाय गाँव में स्थित है। यहां पर भगवान शिव का भव्य मंदिर बना हुआ है । यहां पर महाशिवरात्रि के अवसर पर लाखों श्रद्धालु शिव लग का अभिषेक करते हैं।
2. रन्तुक यक्ष / तरन्तुक (महाभारतकालीन नाम), बीड़ पिपली
वामन पुराण के अनुसार कुरुक्षेत्र भूमि के दर्शन के लिए पहले इस यक्ष से अज्ञा लेनी पढ़ती थी । इस पुराण में इसे यक्षेन्द्र की संज्ञा भी दी गई है । वर्तनाम में यह तीर्थ चिठ्ठा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।